मानव के अंदर ज्ञानमार्ग से मानवीयता पैदा करना ही गुरुत्व है : अविनाश देव

मेदिनीनगर : गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरु को याद एवं सम्मान करने का दिन है। पुराण के रचैता वेद व्यास के जन्म दिवस को गुरु पूर्णिमा के रूप में हम सब मनाते हैं। बौद्ध धर्म के हिसाब से भगवान बुद्ध आज ही के दिन सारनाथ में पहला उपदेश दिए थे। जैन धर्म में भगवान महावीर के प्रथम शिष्य गौतम स्वामी के सम्मान में आज याद करते हैं। शिष्य अफरोज ने कहा गुरु पूर्णिमा का पर्व किसी किसी मजहब से तालुक नहीं रखता है।

स्वयं भगवान शिव कहते हैं गुरु देवता हैं गुरु धर्म हैं गुरु निष्ठा और तप हैं। इन्ही सब विशेषताओं के कारण आज पाटन प्रखंड के लोइंगा गांव में गुरु चर्चा का आयोजन वरिष्ठ गुरुभ्राता गोकुला नंद ने किया जिसके बतौर मुख्यातिथि शामिल हुआ। सैकड़ों के संख्या में आए गुरु भाई बहनों को संबोधित करते हमने गुरु पर प्रकाश डाला। …और बताया गुरु घुप अंधेरे से दीप्त प्रकाश की ओर मार्ग प्रशस्त करते हैं। मानव के अंदर मानवीयता पैदा करने का नाम ही गुरु है। आपसी कलह, निजी पूंजी,व्यक्तिगत स्वार्थ त्यागने पर ही गुरु चर्चा की सार्थकता होगी। आज हम सब को भगवान शिव से सीखना चाहिए की निजी संपत्ति को नाश कर लोक कल्याण में खुद जहर पिए। आज हम सब क्या करते हैं? निजी संपत्ति बनाने में राष्ट्र को खोखला प्रेम भाईचारा को कटुता में तब्दील कर रहे हैं। तथागत बुद्ध के पंचशील से हम सब को सीखना चाहिए। आइए ये सब से ऊपर उठें और अपने जीवन में एक गुरु बनाएं।

कार्यक्रम को जानदार बनाने में अपनी महती भूमिका एडवोकेट ओंकार नाथ तिवारी ने निभाई जो मधुर व कर्ण प्रिय भजन से समा को बांधा। हरहर महादेव। जिन गुरुभाई बहनों ने गुरुचर्चा में शिरकत किए वे हैं आदरणीय राधे श्याम सोनी,प्रतिमा रूपम शारदा सुषमा संगीता विनीता वीरेंद्र कौशल्या लाडली सौम्य आर्यन, कवलधारी प्रजापति,विनय नंदू सोनी,कमलेश सोनी,देवांति विनोद जी अमोद भैया आदि मौजूद थे।

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